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MERI KAHANI

Monday, May 24, 2010

Pratibha Na Ling se / प्रतिभा न लिंग से

चट्टान को तोड़ राह बनाना, आसमान मै पंछियों को ठेंगा दिखाना, चाँद पे पहुँच उसके वास्तविकता को निहारना और सूर्य से आंख मिलाके उसके चुनौती स्वीकारना..क्या है ये...
चुनौती से कुछ करने की प्रेरणा, प्रेरणा से प्रतिभा, और प्रतिभा से एक नायक पैदा होता है..
प्रतिभा न लिंग से ताल्लुक रखता है न किसी जाती विशेस से......तो स्वीकार लो चुनौती और करदो.........


(शंकर शाह)

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