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MERI KAHANI

Wednesday, May 26, 2010

Jiwan Geet Ek / जीवन गीत एक

चाँद से चमक लेकर..कलियों से मुस्कुराना..हवाओं से महक बादलो से सरमाना..
यूँ तैयार होता हर रात सुनसान ख्वाबो मैं एक तस्वीर बनाना...नित: बानाता हूँ एक तस्वीर कभी वो मेरे सोच की परी होती है तो कभी मेरे सोच रूपी विरह की अग्नि...और यूँ हीं चलता रहता है मेरा तन्हा सफराना..आखिर मैं भी तो इंसान हूँ...आखिर मेरा भी तो है एक जीवन गीत एक ....
 


(शंक्कर शाह)

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