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MERI KAHANI

Wednesday, August 7, 2013

Harddisk / हार्डडिस्क

मै डरता हूँ, इंसान के खाल में, मेरा मौजूदगी क्या है, एक सवाल है .... मुझे सिकायत नहीं लोगो से या भीड़ से ..... मेले का क्या, चींटियो के भी तो मेले है लगते है .... पता नहीं लोगो की ऑंखें सावन भादो किसी के प्यार में हीं क्यों होती है ...  मेरे हिस्से में,  ज्वार-भाटा भावनाओ का सही नहीं ....कितना अच्छा होता न अगर मेरा दिमाग RAM होता जीवनचक्र का हार्डडिस्क नहीं ...   


#शंकर शाह