सुना है घोर कलियुग है...सृष्टी की अंतिम घड़ी है या पुनः सतियुग आयेगा..
पर सतियुग और कलियुग इन दोनों मैं प्रकिती कहा बदल गयी है ? क्या पेड़ो ने फल देना बंद कर दिया है..क्या धरती में फसल की जगह और कुछ उगने लगे है..सोचो..परिवर्तन प्रकिती मै नहीं है परिवर्तन हम मनुष्य ने लाया है...फिर सोचना बदलाव का, किसी के द्वारा क्या संभव है ...चलना जिंदगी है रास्ता उसका सोच...पर रास्ते में "मोड़ भी तो आते है"....
पर सतियुग और कलियुग इन दोनों मैं प्रकिती कहा बदल गयी है ? क्या पेड़ो ने फल देना बंद कर दिया है..क्या धरती में फसल की जगह और कुछ उगने लगे है..सोचो..परिवर्तन प्रकिती मै नहीं है परिवर्तन हम मनुष्य ने लाया है...फिर सोचना बदलाव का, किसी के द्वारा क्या संभव है ...चलना जिंदगी है रास्ता उसका सोच...पर रास्ते में "मोड़ भी तो आते है"....
(शंकर शाह)
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