मैं आइने में जब भी अपना चेहरा देखता हूँ...मैं खुदमे दो चेहरे पाता हूँ..एक जो ज़माने की हिसाब से दिखना चाहता है और दूसरा खुद मैं खुद को तलाशता है..कभी कभी ऐसा लगता है जो हूँ दिख जाऊं पर आइना मेरा सृन्गारित चेहरा हिन् दिखाता है.. मतलब ये है 'धोखा देना चाहे तो आइने को तो दे सकते है पर दिल का क्या करे अपने विचारो का क्या करे...
Saturday, March 21, 2009
A STORY OF TRUE LOVE/ एक सच्चा प्यार की कहानी
क्या है सच्चा प्यार ? आओ सुनो एक कहानीएक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने गुलाब को प्रपोस किया ,गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थीइसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए,क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है ,ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो,फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगीप्यार खुदा की ही बन्दगी है ,खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता है,
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सही लिखाहै
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteप्यार खुदा की ही बन्दगी है ,खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता है, ...gooood!
ReplyDeletesahi hai, yahan sab kuchh hai bas najar chahiye, narayan narayan
ReplyDeleteबहुत संदर विचार है आपके पर मेरे विचार से प्यार सिर्फ और सिर्फ आपसी तालमेल की बात है...आप प्यार करके सब कुछ खो भी सकते हैं और बहुत कुछ पा भी सकते हैं...ये सच है कि प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं देने का नाम है ...पर दे दे कर सिर्फ खोना पड़ता है और एक दिन हम जब ख़ुद को देखते है तो पाते है कि अब कुछ नहीं बचा देने को....क्यों कि सबकुछ दे चुके होते हैं.....इसलिए प्यार में एक हाथ लो तो दूसरे हाथ दो पर ये उम्मीद मत करो कि तुम अगर दे रहे हो तो तुम्हें मिलेगा ही....पर प्यार की उम्मीद तो कर ही सकते हो...
ReplyDeleteबढिया है....
ReplyDeleteस्वागत है....ब्लौग का शीर्षक लिंग-दोष के कारण खटकता है, इसे ’मेरी कहानी’करें तो अच्छा हो.
ReplyDeletebahut badia
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