LATEST:


MERI KAHANI

Thursday, February 20, 2025

कई पर्तों में मैंने लिखा है प्रेम

कई लम्हों को सींचा तब स्याही बनी अनगिनत यादों को तब पन्ने वक़्त को रोककर जब यादों और लम्हों को मिलाया तब कई पर्तों मैं उतरा मेरा प्रेम और ऐसे हीन मैं कई पर्तों मैं, मैंने लिखा मेरा प्रेम! शंकर शाह

No comments:

Post a Comment

THANKS FOR YOUR VALUABLE COMENT !!