सच और झूठ का फैसला कौन करता है? चोर जब चोरी करता है सोचता है सामने वाले पास पैसा है और मेरे पास गरीबी भगवान का मर्जी है लुट लो...आतंकवादी-ऊपर वाला के लिए तो कर रहे है...साहूकार- हमारा धर्म है और समाज सेवा तो करते तो है हीं न.सब का अपना अपना विचार है अपने को सही साबित करने के लिए....हम अपने विचार को वहीं पूर्णविराम दे देते है जहा वो हमे सही साबित करता हो...
(शंकर शाह)
No comments:
Post a Comment
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMENT !!