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MERI KAHANI

Thursday, April 22, 2010

Kambakht pyaar ka ehsaas / कमबख्त प्यार का एहसास

कमबख्त प्यार का एहसास भी अजब होता है..

दिन मैं सपने देखना यूँ जैसे नदी के प्रवाह में अपना चेहरा देख रहे हो...

हर अजनबी जैसे अचानक अपना बन गया हो.. 

जिधर कभी नजरे न जाती थी..

लगने लगता है जैसे अचानक वो उसी दिशा से आ रहा हो.. 

कमबख्त ये प्यार का एहसास .....

 

 

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