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MERI KAHANI

Tuesday, April 27, 2010

Maa Tu Bahut Mahan Hai / माँ तू बहुत महान है

चूल्हे के पास बैठी धुओं से लड़ती...आँखों मैं पानी और होंठों पे मुस्कान..दिन भर का भाग दौर फिर थक हार कर...मेरा मुन्ना साहब बन जाये...जीकर हर बातो पर...चोट लगी मुझे आंशु तेरे आँखों पर..भूखे रहकर मेरे किस्मत को संवारा..
माँ तू महान है.कबुल कर लेना माँ ५०० रुपये महीने का जो अब तेरे नाम है..माँ तू बहुत महान है..


(शंकर शाह)

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