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MERI KAHANI

Thursday, April 22, 2010

Har sawal ka / हर सवाल का

हर सवाल का का जवाब नहीं होता...

और हर जवाब के पीछे एक सवाल होता है....?

WE ALWAYS FEEL BAD

WE ALWAYS FEEL BAD & THINK THAT GOOD THINGS HAPPEN ONLY TO OTHER BUT WE FORGET THAT WE ARE OTHERS FOR SOMEONE ELSE:)

Sochta hoon kuch likh daloo / सोचता हूँ और कुछ लिख डालू

सोचता हूँ और कुछ लिख डालू यहाँ.. फिर सोचता हूँ पढ़ेगा कौन...फिर सोचता हूँ कोई तो पढ़ेगा पर विषय क्या हो.. सोचता हूँ कुछ तो विषय हो जो बस भर्काऊ हो जो अपने विचारो के तलवार से किसी के भावनाओ को लहू लूहान कर जाये.. जितना लेख में गाली वाली लपते उतना अच्छा लेख... (शंकर शाह)

Dard to dard hota hai / दर्द तो दर्द होता है

दर्द तो दर्द होता है...सायद अगर जुबां होता नदी का तो वो सागर को बयां करती अपना दर्द...सागर अपने वासिंदो से ..सूरज चाँद से और चाँद धरती से... दर्द का रिश्ता प्यार से है और प्यार करना क्या छोर सकता है कोई...

Monday, February 22, 2010

Kisi Ke Itne Pas / किसी के इतने पास

किसी के इतने पास न जा 
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये


किसी को इतना अपना न बना 
कि उसे खोने का डर लगा रहे 
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा
न आये तु पल पल खुद को ही खोने लगे 


किसी के इतने सपने न देख 
के काली रात भी रंगीली लगे 
आखँ खुले तो बर्दाश्त न हो 
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे 


किसी को इतना प्यार न कर 
के बैठे बैठे आखँ नम हो जाये 
उसे गर मिले एक दर्द इधर जिन्दगी 
के दो पल कम हो जाये 


किसी के बारे मे इतना न सोच कि
सोच का मतलब ही वो बन जाये 
भीड के बीच भी लगे
तन्हाई से जकडेगये 

किसी को इतना याद न कर कि 
जहा देखो वो ही नज़र आये  
देख देख कर कही ऐसा न हों 
जिन्दगी पीछे छूट जाये 

किसी के इतने पास!!

Saturday, February 20, 2010

Koi Tumse puche / कोई तुमसे पूछे

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .

जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .

हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .

जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .

एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .

यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,

Thursday, October 15, 2009

कुछ तो था उन यादो मैं / KUTCH TO THA UN YADO MAIN

मैं एक सफर मैं था !
मेरे उस सफर मैं
एक परिवार जो अपने दो
बच्चो और माँ के साथ कही जा रहा था !!

वो जो छोटा बच्चा था अपनी माँ के
साथ खेलने मैं मगन था !
खेल वो जो हर किसी के बचपन से है
खेल वो मेरा भी बचपन याद दिला रहा था !!

और वो बूढी अम्मा जो खिरकी के पास बैठी थी
इन पलो के देख कर कही खो गई
सायद अपने बचपन मैं
मेरी नजरे भी उस नज़ारे को देख मगन हो रहा था !!

पर कुछ तो था जो मेरे ख्यालो मैं
खलल दाल रहा था !
वो बड़ा लड़का जो दादी के पास
बैठा था ' नजाने उसे क्या शैतानी सूझी वो दादी के साथ मस्ती करने लगा !!

मैंने देखा वो झुरियों से लदे चेहरे
पर एक मुस्कान का लकीर आया
पर तुंरत मैंने वो चेहरे से
मुस्कान को वापस जाता पाया !!

मैंने देखा बहु बेटे की नजर
गुस्से से उसके अपने बेटे पर पाया
लड़का माँ बाप के नजर को देख
सहम कर चुपचाप बैठ गया !!

"और वो कांपती बदन' उस
बूढी आँखों मैं दो बूंद आंसू का था "


वो ऑंखें सीकुर गई थी सायद
अतीत के यादो मे
बदन और और कांप रहा था
ऑंखें और सीकुर रही थी
पता नही उन यादों मैं क्या था !!

अतीत का वो याद जो
किसी के बचपन को सहारा दिया था
वो जो उसके जवानी को
संवारा था !!!

"या कुछ ऐसा जो
अभी के पलो को जवानी मैं गुजारा था"

कुछ तो था उन यादो मैं
जो मेरे ख्यालो मैं खलल दाल रहा था !!!


लेखक: शंकर शाह

Wednesday, October 7, 2009

दुसरे के तराजू में ख़ुद को तौलता रहा / DUSRE KE TARAJU MAIN KHUD KO TOULTA RAHA

कोई तो होता
जिसके कंधो पर रख सर सोता !
मिल जाता दो पल सुकून का
यूँ कोई सहारा तो होता !!

गम है लिए सिने मैं फिरता
आँख नही पर दिल है रोता !
गम गम हिन् गम है है यहाँ
काश कोई पल खुशी का तो होता !!


है कहने को तो हमसफ़र भी मेरा
जहा हम हिन् हम है सफर तनहा रहा !
उलझा हूँ ख़ुद के उलझनों में
और दोस्तों ने पागल कहा !!

दोस्तों ने भी जख्म दिए
उम्मीद में मरहम के चलता रहा !
दुसरो के तराजू में
ख़ुद को तौलता रहा !!

लेखक
शंकर शाह

Friday, September 11, 2009

दोस्ती कब जवां हुई / DOSTI KAB JAWA HUI

ऑंखें मिली पलके झुकी
दिल मैं खुमार हुआ!
दिल से दिल मिले
और मुझे प्यार हुआ !!
मन की निगाहों से देखा
हर जगह तेरा दीदार हुआ !
दोस्ती कब जवाँ हुई
न जाने कब मुझे प्यार हुआ !!
साँसों मैं तेरा धुन है
धड़कने है अब तेरे नाम
दिल मैं अब तेरी चाहत
अब तो मैं तेरा हुआ !!
खुशी मैं तेरे हंसा
गम मैं तेरे रोया
हसरते अब तुझपे जवाँ
यूँ मैं "तेरा" तेरा दीवाना हुआ !!

लेखक:- शंकर शाह

Saturday, March 28, 2009

प्यार और लाल गुलाब PYAR AUR LAL GULAB

एक चिडिया था खुशी का चिडिया जिसका एक राजकुमार से दोस्ती था वैसे तो सारे उसके दोस्त थे फूल पेड़ पौधे पुरी प्रकिती सब उसके दोस्त थे क्योकि वो तो खुशी का चिडिया था जब वो गाना गाता मानो सारा प्रकिती झूम उठता मानो लगता ऐसा की लग रहा हो की सारी दुनिया उसके गानों पे झूम उठा हो नाच रहा हो सुर मैं सुर मिला रहा हो पर ये क्या राजकुमार क्यों उदास है! जिसके गाने पे आसमान फूल बरसा रहा हो प्रकिती सुर मिला रहा हो उसका गाना सुनकर भी राजकुमार उदास है क्यों खुसी का चिडिया से रहा नही गया वो राजकुमार से पूछ बैठा "क्या बात है राजकुमार आज आप उदास क्यों है, क्यों आज मेरे गाने के वावजूद भी आपके चेहरे पे उदासी है, क्या बात है राजकुमार"
राजकुमार ने खुशी की चिडिया से कहा "क्या करोगे खुशी की चिडिया जा कर मेरे उदासी का कारन मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो दोस्त "
पर वो तो खुशी का चिडिया था कहा उसको मंजूर था की उसके होते हुए कोई उदास रहे वो जिद्द कर बैठा नही मुझे बताओ क्या कारन है तो तुम उदास हो नही मानता देख राजकुमार ने खुशी के चिडिया से कहा "खुशी का चिडिया मुझे एक देश के राजकुमारी से प्यार हो गया है पर उसका एक सर्त है उसे एक लाल गुलाब चाहिए और तुम्ही बताओ इस दुनिया मैं लाल गुलाब कहा मिलता है, अगर वो मुझे नही मिली तो मैं मर जाऊंगा, इसी लिए मैं परेशान हूँ दोस्त"
पर वो तो था खुशी का चिडिया उसके रहते हुए कैसे कोई उदास रह सकता है उसने राजकुमार से कहा "राजकुमार मैं लूँगा तुम्हारे लिए लाल गुलाब " और वो बाग़ मैं गुलाब रानी के पास जा पहुँचा "गुलाब रानी गुलाब रानी मुझे लाल गुलाब चाहिए कहीं से भी लाओ पर मुहे लाल गुलाब चाहिए" तब गुलाब रानी ने कहा "कहा से ला लाल गुलाब तुम्हे तो पता है इस दुनिया मैं कही भी लाल गुलाब नही मिलता" पर कहा हार मानने वाला था खुशी का चिडिया वो सारा दुनिया घूम लिया पर उसे कही भी नही मिला लाल गुलाब" पर कहाँ हार मानने वाला था खुशी का चिडिया फ़िर वो जा पहुँचा गुलाब रानी के पास "गुलाब रानी गुलाब रानी मुझे लाल गुलाब चाहिए " जब गुलाब रानी ने देखा की खुशी का चिडिया नही मान ने वाला तो उसने खुशी के चिडिया से कहा "देखो खुशी का चिडिया मेरा फुल लाल हो सकता है जब कोई अपने कोमल जिस्म को मेरे कांटे से चुभो दे और उसके एक एक खून बूंद से मेरा फूल लाल हो जाएगा " खुशी के चिडिया ने चारो तरफ़ देखा उसे हर चेहरे मैं एक सवाल नजर आया पर वो तो खुशी का चिडिया था फूल रानी के कांटे मैं खुशी के चिडिया ने अपना जिस्म चुभो दिया और गाना गाने लगा ऐसा गीत उसने कभी गाया था और किसी ने वैसे गीत सुना था वो गा रहा था
खुशी का गीत पर उसके कंठ से दर्द साफ झलक रहा था ऐसा दर्द गाने मैं जो सुनकर हर किसी ने रो दिया जिस गाने को सुनकर प्रकिती भी रो परी ऐसा दर्द था उस गाने मैं पर वो तो था खुशी का चिडिया उसके शरीर से रक्त का धारा निकलता रहा और गुलाब रानी का हर कली धीरे धीरे लाल होती गई पर एक ऐसा समय आया जब खुशी के चिडिया का आवाज़ छीन हो चुका था और एक आखरी अह निकली उसके मुख से और वो इस दुनिया से विदा ले चुका था गुलाब रानी ने जब अपना फूल लाल रक्त सा खिला देखा तो खुशी से चिल्ला पड़ी "खुशी के चिडिया देखो मेरे हर फूल ला हो चुके है,तुम कामयाब हो गए दोस्त तुमने कर दिखाया,देखो खुशी का चिडिया देखो "पर उन गुलाबो के देखने के लिए खुशी का चिडिया जिन्दा था हर चेहरे मैं आंसू थे हर कोई रो रहा था पर एक चेहरे मैं गम से ज्यादा खुशी था जब राजकुमार ने लाल गुलाब देखा तो अपने दोस्त को खो जाने का गम भूल गया वो तुंरत लाल गुलाब ले कर राजकुमारी का देश चल पड़ा
पर यह क्या राजकुमारी ख़ुद उसी के तरफ़ चली रही थी राजकुमार के आँखों मैं चमक और बढ़ गई वो दौड़ा
"राजकुमारी राजकुमारी मैं तुम्हारे लिए लाल गुलाब ले आया देखो ये लाल गुलाब "
राजकुमारी ने ला गुलाब हाथ मैं लिया और राजकुमार से कहा "राजकुमार मुझे अब इसकी जरूरत नही है, मुझे मेरे सपनो का राजकुमार मिल चुका है "और ला गुलाब को एक तरफ़ उछाल दिया और चल पड़ी

राजकुमार अवाक् सा खड़ा होकर देखता देखता रहा कभी पहियो से कुचले धुल से सने लाल गुलाब को तो कभी पृथ्वी के गोद मैं फूलो से दफ़न खुशी के चिडिया को तो कभी राजकुमारी को जाते हुए
वो अवाक् सा खड़ा होकर देखता रहा !!!!!!!!!