LATEST:


MERI KAHANI

Friday, September 11, 2009

दोस्ती कब जवां हुई / DOSTI KAB JAWA HUI

ऑंखें मिली पलके झुकी
दिल मैं खुमार हुआ!
दिल से दिल मिले
और मुझे प्यार हुआ !!
मन की निगाहों से देखा
हर जगह तेरा दीदार हुआ !
दोस्ती कब जवाँ हुई
न जाने कब मुझे प्यार हुआ !!
साँसों मैं तेरा धुन है
धड़कने है अब तेरे नाम
दिल मैं अब तेरी चाहत
अब तो मैं तेरा हुआ !!
खुशी मैं तेरे हंसा
गम मैं तेरे रोया
हसरते अब तुझपे जवाँ
यूँ मैं "तेरा" तेरा दीवाना हुआ !!

लेखक:- शंकर शाह

No comments:

Post a Comment

THANKS FOR YOUR VALUABLE COMENT !!