मैं आइने में जब भी अपना चेहरा देखता हूँ...मैं खुदमे दो चेहरे पाता हूँ..एक जो ज़माने की हिसाब से दिखना चाहता है और दूसरा खुद मैं खुद को तलाशता है..कभी कभी ऐसा लगता है जो हूँ दिख जाऊं पर आइना मेरा सृन्गारित चेहरा हिन् दिखाता है.. मतलब ये है 'धोखा देना चाहे तो आइने को तो दे सकते है पर दिल का क्या करे अपने विचारो का क्या करे...
तुमने जो देखा तो लगा जैसे दिल फिर से जीने लगा, धधकने भी जीती है जिंदगी
होती है एहसास तेरे हर आहट पर, मुस्कुरा दो फिर से अब रातो मे करवटे बदलने
का मजा हिन् कुछ और है!!!!!!
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