आज सुबह के धुप में आने वाले कल के लिए हजारो दीपक जगमगा रहे है आँखों
में...उम्मीद से रौशनी और आज को समर्पित हम कल के लिए पटाखे है...दिवाली के
लिए हम राम तो नहीं जो लोटेंगे घर...हम एक सफ़र बनके निकलेंगे जो रामराज्य
ला सके..एक प्रण और दृढ़ता के साथ दिवाली हम सब को मुबारक हो....
(शंकर शाह)
(शंकर शाह)