किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा
न आये तु पल पल खुद को ही खोने लगे
किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रंगीली लगे
आखँ खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे
किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आखँ नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द इधर जिन्दगी
के दो पल कम हो जाये
किसी के बारे मे इतना न सोच कि
सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी लगे
तन्हाई से जकडेगये
किसी को इतना याद न कर कि
जहा देखो वो ही नज़र आये
देख देख कर कही ऐसा न हों
जिन्दगी पीछे छूट जाये
किसी के इतने पास!!
No comments:
Post a Comment
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMENT !!