कभी मिले हो एक ऐसे चेहरे से जो आइना हो खुद का। कभी मिलाये हो ऐसे नजर से
जो देखता है तो तुम्हे पर कहीं उतर जाता है खुद में खूब गहराई तक। भगवान बस
देना ताकत की अगर लैंपपोस्ट नहीं बन सका तो कोई बात नहीं पर जुगनू बन
उम्मीद को जिन्दा रखु किसी झोपड़े का और जिन्दा मै भी रहूँ ताकि आत्मा और
मेरे बिच, जिंदगी जिन्दा रहे।
(शंकर शाह)