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MERI KAHANI

Friday, July 16, 2010

Aa Banaya Hai Ye Madhu Ka Pyala / आ बनाया है , ये मधु का प्याला

आ बनाया है , ये मधु का प्याला,
लगाले अधरों से भूल जाएगी गम,
भूल जाएगी सब हाला,
रोना नहीं मेरी अंगूरी,
चाहे रोज तोडू तेरा हड्डी या ताला,
आ बनाया है , ये मधु का प्याला
माँ को देख ले, कल तक वो
कमाती रही मेरे लिए...
आज तुने है कमान संभाला,
आजा चखले ये स्वर्ग सी प्याला
भूल जाएगी हर गम,
क्योकि हर गम का है
यह हाला,
आ बनाया है , ये मधु का प्याला
मत देख पीछे, अपने बच्चो को माँ को,
मैंने खा लिया है, अब भूख नहीं है बाला
अब तो चाहता हूँ दो घूंट उतार लू हलक में
ताकि निशि रात भी न लगे मुझे काला
आ बनाया है , ये मधु का प्याला
ह्म्म्म क्या सोचती, मत सोच
अपने ननद के लिए, भगवान ने
उसका भी किस्मत लिख डाला,
उसे भी ले जायेगा कोई पीनेवाला
चल पी न,
आ बनाया है , ये मधु का प्याला
क्यों कोश्ती है अपने किस्मत को
तू खुशनसीब है, मै जिसे मिला
वो है किस्मत वाला,
देख नेता कहते मुझे, तू मेरे कुर्सी का रखवाला
देख मेरे वजह से चल रही, टूनडू का मधुशाला
नेताओ की जी हुजूरी दंगा फसाद,
माओबाद का में हीं तो हूँ जाला, 
मुझे मिल जाये अंगूरी  रस
फिर नहीं चाहिए स्वर्ग रूपी मधुशाला
आ बनाया है , ये मधु का प्याला
मुझसे हीं घर बिखरे, कई घड़ो मैंने तोड़ डाला
मुझे भी दुख होता है जब तोड़ता मंदिर मस्जिद
पर इसी से तो मिलती है तुझसी मधुबाला
सब साफ़, जब बैठता ऊपर मधुशाला
हाँ येही से सुरुआत येही ख़तम
येही तो है मेरा मधुशाला
आ बनाया है , ये मधु का प्याला


(शंकर शाह)


 

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